पाश्चात्य काव्यशास्त्र
पाश्चात्य काव्यशास्त्र का विकास पहली बार यूनान (ग्रीस) में हुआ। पहले यूनानी महाकवि होमर थे, जिन्होने दो महाकाव्य लिखे हैं – 1. इलियड, 2. ओडिसी। होमर के बाद हॅसियड की भी रचनाएँ यूनान में प्राप्त होती हैं। थॅगोनी इस सुप्रसिद्ध रचना से वे जाने जाते हैं। साथ ही साथ पिंडार इस कवि की भी रचनाएं प्रसिद्ध हैं। जिन्होंने इपिनिका इस काव्य की रचना की है। पिंडार के ही समकालीन कवि थे गॉर्जियस्। इनकी भी रचनाएं प्रसिद्ध हैं।
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