विचित्रे खलु संसारे नास्ति किञ्चिन्निरर्थकम्। अर्थ, अन्वय, हिन्दी अनुवाद
विचित्रे खलु संसारे नास्ति किञ्चिन्निरर्थकम्।
अश्वश्चेत् धावने वीरो भारस्य वहने खरः॥
पदच्छेद
विचित्रे खलु संसारे न अस्ति किञ्चित् निरर्थकम्।
अश्वः चेत् धावने वीरः भारस्य वहने खरः॥
शब्दार्थ
संस्कृतम् | मराठी | हिन्दी | English |
विचित्रे | विचित्र | अजीबो गरीब | Weird |
खलु | खरोखर | सचमुच | Indeed |
संसारे | संसारात | संसार में | In the world |
न | नाही | नहीं | No |
अस्ति | आहे | है | Is |
किञ्चित् | किंचित् | किंचित् | A little |
निरर्थकम् | निरर्थक, अनुपयोगी | निरर्थक, बेकार | Useless |
अश्वः | घोडा | घोडा | Horse |
चेत् | जर… तर… | यदि… तो… | If… then… |
धावने | धावण्यात | दौड़ने में | In running |
वीरः | वीर (इथे कुशल) | वीर (यहाँ कुशल) | Brave (here skillful) |
भारस्य वहने | ओझे वाहन्यात | बोझ ढोने में | In carrying load |
खरः | गाढव | गधा | Donkey |
अन्वय
(अस्मिन्) विचित्रे संसारे खलु किञ्चित् (अपि) निरर्थकं न अस्ति। अश्वः धावने वीरः (अस्ति) चेत् खरः भारस्य वहने (वीरः अस्ति)।
मराठी अनुवाद
या विचित्र संसारात खरोखरच किंचित सुद्धा निरर्थक नाही. जर घोडा धावण्यात कुशल आहे तर गाढव भार वाहण्यात कुशल आहे.
हिन्दी अनुवाद
इस विचित्र दुनिया में कुछ भी बेकार नहीं है। यदि घोडा दौडने में कुशल है तो गधा भी बोझ ढोने में कुशल है।
English translation
In this weird world nothing is useless. If the horse is skillful in running then the donkey also is skillful in carrying load.
व्याकरण
सन्धि
नास्ति
- न + अस्ति
- दीर्घ
किञ्चित्
- किम् + चित्
- परसवर्ण सन्धि
किञ्चिन्निरर्थकम्
- किञ्चित् + निरर्थकम्
- अनुनासिकत्व सन्धि
अश्वश्चेत्
- अश्वः + चेत्
- सत्व, श्चुत्व
वीरो भारस्य
- वीरः + भारस्य
- उत्व, गुण
समास
संभाव्य समास
विचित्रे समासे
- विशेषणविशेष्य
- विचित्रसमासे
धावने वीरः
- सप्तमी तत्पुरुष
- धावनवीरः
भारस्य वहने
- षष्ठी तत्पुरुष
- भारवहने
ज्ञान बांटने से बढ़ता है।
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