वैदिक साहित्य

वैदिक संहिता साहित्य

संहिता किसे कहते हैं?

संहिता शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है –

  • संचय
  • संग्रह
  • संयोजन
  • संकलन

संहिता यानी चीजों को जमा करके रखना। परन्तु जहाँ वेद के सन्दर्भ में बात होती है, संहिता शब्द का अर्थ है – चारों वेद।

अतः निरुक्तकार यास्क ने संहिता के बारे में लिखा है –

वेद का क्रमबद्ध मन्त्रपाठ, तथा विभिन्न शाखाओं के अनुसार उच्चारणसंबंधी परिवर्तनों से युक्त पदपाठ अथवा पदप्रकृति को संहिता कहते हैं।

वेद किसी एक ऋषि की रचना तो नहीं है। (वैसे तो हमारी भारतीय परम्परा में वेद अपौरुषेय माने जाते हैं) अनेक ऋषि वेदों के दिव्य ज्ञान के द्रष्टा हैं। वह सारा बिखरा हुआ ज्ञान किसी एक जगह पर एकत्रित कर उनका व्यवस्थित संग्रह करना आवश्यक था। जो आज हमें चार वेदों के रूप प्राप्त है।

हमारे पास चार वेदों की संहिताएँ हैं –

  • ऋक् – संहिता
  • यजुः – संहिता
  • साम – संहिता
  • अथर्व – संहिता

इन संहिताओं का संकलन (जमा करे का काम) महर्षि वेदव्यास जी ने किया, ऐसा माना जाता है।

Leave a Reply