१०.०३. व्यायामः सर्वदा पथ्यः। ०१. व्यायाम किसे कहते हैं। व्यायाम के बाद मालिश क्यों करनी चाहिए।
०३. व्यायामः सर्वदा पथ्यः।
प्रथमः श्लोकः। कक्षा दशमी।
इस श्लोक में व्यायाम की परिभाषा (डेफिनेशन) बताई गई है।
शरीरायासजननं कर्म व्यायामसंज्ञितम्।
तत्कृत्वा तु सुखं देहं विमृद्नीयात् समन्ततः॥१॥
शब्दार्थः –
- शरीर – काया, देह
- आयास – श्रम, मेहनत
- जननम् – निर्मिति (यहाँ निर्मिति करने वाला)
- कर्म – काम
- व्यायामसंज्ञितम् – व्यायम इस नाम से जाना जाता है
- तत् – वह
- कृत्वा – कर के
- तु – तो
- सुखम् – सुख
- देहम् – शरीर को,
- विमृद्नीयात् – मालिश करनी चाहिए, रगड़ना चाहिए।
- समन्ततः – चारों ओर से
अन्वय
शरीरायासजननं कर्म व्यायामसंज्ञितम्। तत् कृत्वा तु सुखं देहं समन्ततः विमृद्नीयात्।
शरीर का श्रम उत्पन्न करने वाला काम व्यायाम इस नाम से जाना जाता है। वह (व्यायाम) कर के तो आराम से शरीर की हर तरफ से मालिश करनी चाहिए।
इस श्लोक में व्यायम के बाद शरीर की मालिश करने को कहा गया है। अब प्रश्न उठता है कि व्यायाम के बाद ही क्यों? पहले क्यों नहीं?
देखिए मालिश होती है तेल जैसे पदार्थों से। और ऐसे तेल वगैरह लगा कर मालिश करने के पश्चात् यदि हम व्यायाम करने लगे तो सोचिए क्या होगा? व्यायाम की वजह से शरीर से स्वेद (पसीना) निकलने लगता है। और वह स्वेद तेल के साथ मिल कर चर्मरोग (खुजली, दाद इ॰) का कारण बन सकते हैं। इसीलिए व्यायम के बाद शरीर शान्त हो जाए, तब शान्ति से मालिश हो सकती है।
भावार्थ –
येन कर्मेण शरीरस्य परिश्रमः भवति, तत् कार्यं व्यायामः इति नाम्ना संज्ञितम् अस्ति। व्यायामात् अनन्तरं मनुष्येण सुखेन शरीरस्य मर्दनं करणीयम्।
भाव का हिन्द्यर्थ –
जिस काम से शरीर का परिश्रम होता है, वह कार्य व्यायाम इस नाम से जाना जाता है। व्यायाम के बाद मनुष्य ने इत्मिनान से शरीर की मालिश करनी चाहिए।
इस श्लोक पर आधारित प्रश्नोत्तरों का अभ्यास करने के लिए इस कड़ी पर जाएं।
https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSd60MaXRbE02rNwi-NcU1AEeD7Z88ZBBuXE-B04-CfXYrCgWA/viewform?usp=sf_link
व्याकरण –
- शरीरासायासजननम् – षष्ठी तत्पुरुष समासः। दीर्घसन्धिः।
- शरीरस्य आयसस्य जननम्।
- शरीर + आयस – जननम्। यहाँ हम सवर्णदीर्घसन्धि कर सकते हैं।
- शरीरायस – जननम्।
- शरीसायसजननम्।
- व्यायामसंज्ञितम् – तृतीया तत्पुरुषः।
- संज्ञा – नाम।
- संज्ञित करना – नामकरण करना।
- व्यायामसंज्ञित – व्यायाम (इस नाम) से नामकृत।
ज्ञान बांटने से बढ़ता है।
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