१०.०३ व्यायामः सर्वदा पथ्यः। ०५. बुढापे से कैसे बचे। च्वि प्रत्यय।
३. व्यायामः सर्वदा पथ्यः।
कक्षा दशमी। शेमुषी पाठ्यपुस्तकम्।
न चैनं सहसाक्रम्य जरा समधिरोहति।
स्थिरीभवति मांसं च व्यायामाभिरतस्य च॥५॥
- न – नहीं
- च – और
- एनम् – उसे (यहाँ अर्थ है – उस पर)
- सहसा – अकस्मात्, झटिति, अचानक से
- आक्रम्य – हमला करके
- जरा – वृद्धत्वम्, बुढापा
- समधिरोहति – आरोहति, चढता है
- स्थिरीभवति – स्थिर होता है।
- मांसम् – आमिषम्, मांस
- च – और
- व्यायामाभिरतस्य – व्यायाम में लगे हुए/ मश्गुल/ रत / मग्न मनुष्य का
- अभिरत – तल्लीन, रत, मग्न
जरा च एनं (व्यायामिनं) सहसा आक्रम्य न समधिरोहति। व्यायामाभिरतस्य च मांसं स्थिरीभवति।
बुढापा उस व्यायाम करने वाले को अचानक से आक्रमण करके नहीं आता। और व्यायाम में रत मनुष्य का मांस स्थिर होता है।
पिछले श्लोक में कहा गया है कि व्यायाम करने वाले को उसके शत्रु पीडा नहीं देते। और अब इस श्लोक में कहा गया है कि उस को (यानी उस व्यायाम करने वाले को) जल्दी बुढापा नहीं चढ जाता है।
श्लोक के दूसरे वाक्य में है कि व्यायाम-अभिरत मनुष्य का मांस स्थिर होता है। अब मांस स्थिर होने से तात्पर्य है कि जो लोग व्यायाम नहीं करते हैं, उनका मांस शरीर पर लटकने लगता है। अर्थात् उसमें मेद (यानी चर्बी) जमने लगती है। और यदि कोई व्यक्ति व्यायाम करने लगती है, तो शरीर में जमा मेद (चर्बी) कम होने लगती है। और हमारा मांस स्थिर होता है।
दूरसी पंक्ति में स्थिरीभवति यह एक शब्द है।
इस शब्द पर हमे विचार करना चाहिए। जैसे कि हमने अंग्रेजी में सुना है –
- western – westernisation
- computer – computerisation
- general – generalisation
इन शब्दों का संस्कृत रूप ऐसे होगा।
- पश्चिम – पश्चिमीकरण
- संगणक – संगणकीकरण
- सामान्य – सामान्यीकरण
ये एक प्रत्यय से बने हैं, जिसका नाम है – च्वि। अब यह च्वि प्रत्यय जब भी किसी शब्द को लगता है, तो उसका सर्वापहार लोप होता है। यानी यह प्रत्यय पूरा का पूरा लुप्त हो जाता है। यानी च्वि पूरा गायब होता है। परन्तु गायब होते समय वह पूर्वशब्द को ईकारान्त बना देता है। जसै – स्थिरी, पश्चिमी, संगणकी, सामान्यी।
और उसके बाद भू, कृ अथवा अस् धातू के रूप लगाकर शब्द बनते हैं।
परीक्षा की दृष्टि से इस श्लोक पर आधारित प्रश्नोत्तरों का अभ्यास करने लिए इस कड़ी पर जाएं –
भावार्थः
भावार्थस्य हिन्द्यर्थः
व्याकरण –
- चैनम् – च + एनम्। इति वृद्धिसन्धिः।
- सहसाक्रम्य – सहसा + आक्रम्य। इति दीर्घसन्धिः।
- आक्रम्य – आ + क्रम् + ल्यप्
- व्यायामाभिरतस्य
- व्यायाम + अभिरतस्य। इति दीर्घसन्धिः।
- व्यायामे अभिरतस्य। इति सप्तमीतत्पुरुषसमासः।