श्लोक

१०.३ व्यायामः सर्वदा पथ्यः। ०४. व्यायाम से मोटापा कम होता है। व्यायाम करने वले को दुश्मन तकलीफ नहीं देते।

३. व्यायामः सर्वदा पथ्यः।

कक्षा दशमी। शेमुषी।

चतुर्थः श्लोकः –

न चास्ति सदृशं तेन किञ्चित्स्थौल्यापकर्षणम्।
न च व्यायामिनं मर्त्यमर्दयन्तरयो बलात्॥४॥

शब्दार्थ – 

  • न – नहीं
  • च – और
  • अस्ति – है
  • सदृशम् – समानम्, जैसा
  • तेन – उसके
  • किञ्चित् – कुछ भी
  • स्थौल्य – स्थूलता, मोटापा
  • अपकर्षणम् – न्यूनीकरणम्, कम करने वाला
  • न – नहीं
  • च – और
  • व्यायामिनम् – व्यायाम करने वाले को
  • मर्त्यम् – मनुष्यः, जनः, इस मृत्युलोक (पृथ्वी) में रहने वाला
  • अर्दयन्ति – नाशयन्ति, मारयन्ति, मारते हैं
  • अरयः – शत्रवः, रिपवः, वैरिणः, दुश्मन
  • बलात् – हठात् , बलप्रयोगात्, बलपूर्वकम्, जबर्दस्ती से

 अन्वय – 

तेन (व्यायामेन) सदृशं च स्थौल्यापकर्षणं किञ्चित् (अपि) नास्ति। अरयः च व्यायामिनं मर्त्यं बलात् न अर्दयन्ति।

और उस व्यायाम के समान मोटापे को कम करने वाला कुछ भी नहीं है। और शत्रु भी व्यायाम करने वाले मनुष्य को जबर्दस्ती से नहीं मारते हैं।

इस श्लोक में तेन यह सर्वनाम व्यायाम के लिए प्रयुक्त किया है। परन्तु उस पंक्ति में व्यायाम शब्द नहीं है। हाँ अगली पंक्ति में व्यायामिनम् यह शब्द है। परन्तु वह – तेन इस शब्द से संबन्धित नहीं है। तो फिस यहाँ तेन का संबंध व्यायाम से कैसे बन सकता है? इसका उत्तर है – अनुवृत्ति
अनुवृत्ति का मतलब है – पिछले श्लोकों से किसी शब्द को लेकर आना। पिछले दो श्लोक, दूसरा और तीसरा, व्यायाम के लाभ के बारे में बताते हैं। और यह तुरंत आनेवाला चतुर्थ श्लोक है। अतः हम पिछले श्लोक का संदर्भ लेकर कह सकते हैं कि यहाँ तेन यह सर्वनाम व्यायाम के लिए प्रयुक्त है। इसी कारण से इस श्लोक का जो अन्वय किया गया है, उस में – तेन (व्यायामेन) ऐस कंस में तेन के बाद व्यायामेन यह शब्द लिखा है।
श्लोक में अरयः यह एक शब्द लिखा है। जिसका मूल शब्द है – अरि। यानी दुश्मन। और अरयः यह उस शब्द का बहुवचन रूप है। अरिः – एक दुश्मन। अरयः – बहुत सारे दुश्मन। यदि परीक्षा में अरयः इस शब्द का समानार्थी शब्द पूछा जाएं तो उत्तर भी बहुवचनी ही लिखना है। जैसे की अरिः का अर्थ है दुश्मन, और शत्रुः इस शब्द का भी अर्थ है दुश्मन। परन्तु अरयः का समानार्थी शत्रुः नहीं होगा। क्योंकि अरयः यानी बहुत सारे दुश्मन और शत्रुः यानी एक दुश्मन। अतः हमें शत्रुः का बहुवचन शत्रवः ऐसा लिखना होगा।
भावार्थ – 
व्यायाम इव शरीरस्य स्थूलतां न्यूनीकर्तुम् अन्यं किमपि नास्ति। अतः यः मनुष्यः व्यायामं करोति तस्य शत्रुजनाः अपि तं मनुष्यं बलपूर्वकं न पीडयन्ति। अर्थात् तस्मै व्यायामिमनुष्याय कष्टं यच्छन्ति।

इस श्लोक पर आधारित प्रश्न – उत्तरोंका अभ्यास करने के लिए इस कडी पर जाएं।

व्याकरण – 

  • चास्ति – च + अस्ति। इति सवर्णदीर्घसन्धिः।
  • स्थौल्यापकर्षणम् –
    •  स्थौल्य + अपकर्षणम्। इति सवर्णदीर्घसन्धिः।
    • स्थौल्यस्य अपकर्षणम्। इति षष्ठीतत्पुरुषः।
  • व्यायामिनम् 
    •  व्यायाम + इन् – व्यायामिन्। इति प्रत्ययः।
    • व्यायामिन् + द्वितीया – व्यायामिनम्। इति विभक्तिः।
  • मर्त्यमर्दयन्ति – मर्त्यम् + अर्दयन्ति। इति संयोगः। अत्र सन्धिः नास्ति।
  • अर्दयन्त्यरयः – अर्दयन्ति + अरयः। इति यण्सन्धिः।
  • अरयो बलात् – अरयः + बलात्। इत उत्वसन्धिः।

Leave a Reply