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संस्कृत कक्षा में शीतल चन्द्रप्रकाश

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    प्रत्ययाः

    0 टिप्पणी

    अथ प्रत्ययाः। प्रत्ययाः द्विविधाः – १.    तद्धिताः – प्रातिपदिकशब्देभ्यः परतः ये प्रत्ययाः भवन्ति ते तद्धितप्रत्ययाः।२.    कृदन्ताः – धातुभ्यः परतः ये प्रत्ययाः भवन्ति ते कृदन्तप्रत्ययाः।———————— १.    तद्धिताः i.    मतुप्@    मतुप्    = one who has@    प्रयोगे मतुप्स्थाने केवलं मत् इति भवति।उदाहरणानि–    बुद्धि…

    31/10/2019
  • श्लोक

    जननी तुल्यवत्सला। मूल महाभारत से श्लोक (हिन्दी के साथ)

    2 टिप्पणियाँ

    शेमुषी इस पाठ्यपुस्तक में मौजूद ५. जननी तुल्यवत्सला इस पाठ का विश्लेषण तथा हिन्दी अनुवाद प्राप्त करने के लिए यहां क्लिक करें।१) २) ३)

    30/10/2019
  • संस्कृत कथा

    जननी तुल्यवत्सला हिन्दी अनुवाद शेमुषी। CBSE NCERT

    1 टिप्पणी

    पाठ की पूर्वपीठिका महाभारत में पांडव कौरवों के साथ जुआ खेल कर अपना सारा राज्य खो चुके हैं। और अब उन्हें वनवास की सजा मिली है। पांडव अब वन में घूम रहे हैं।  और इधर हस्तिनापुर में कौरवों के अंधे…

    30/10/2019
  • अन्य

    १०.११ प्राणेभ्योऽपि प्रियः सुहृद्। कक्षा दशमी। शेमुषी। CBSE संस्कृतम्

    0 टिप्पणी

    पाठस्य प्रस्तावना प्रस्तुतोऽयं नाट्यांश: महाकविविशाखदत्तस्य कृतिः “मुद्राराक्षसम्” इति नाटकस्य प्रथमाकाद् उद्धृतोऽस्ति। नाटकस्य अस्मिन् भागे चन्दनदासः स्वसुहृदर्थं प्राणोत्सर्ग कर्तुमपि प्रयतते। अत्र कथानके नन्दवंशस्य विनाशानन्तरं तस्य हितैषिणां बन्धनक्रमे चाणक्येन चन्दनदासः सम्प्राप्तः। बद्धोऽपि चन्दनदासः अमात्यादीनां विषये न किमपि रहस्यं प्रोक्तवान्। वार्तालापप्रसङ्गे राजदण्डभीतिः समुत्पादनेऽपि…

    27/10/2019
  • श्लोक

    १०.०३ व्यायामः सर्वदा पथ्यः। ११. इन छः बातों के देख कर व्यायाम करना चाहिए।

    0 टिप्पणी

    ०३. व्यायामः सर्वदा पथ्यः। कक्षा दशमी। शेमुषी। एकादशः श्लोकः वयोबलशरीराणि देशकालाशनानि च। समीक्ष्य कुर्याद् व्यायाममन्यथा रोगमाप्नुयात्॥११॥ शब्दार्थ वयोबलशरीराणि – उम्र, ताकत और शरीर देशकालाशनानि – इलाका, समय और भोजन च – और समीक्ष्य – देखकर कुर्यात् – करना चाहिए व्यायामम्…

    25/10/2019
  • श्लोक

    १०.०३ व्यायामः सर्वदा पथ्यः। १०. हमारी आधी शक्ति समाप्त हो चुकी है यह कैसे पता करें?

    0 टिप्पणी

    ३. व्यायामः सर्वदा पथ्यः। कक्षा दशमी। शेमुषी। दशमः श्लोकः हृदिस्थानस्थितो वायुर्यदा वक्त्रं प्रपद्यते। व्यायामं कुर्वतो जन्तोस्तद्बलार्धस्य लक्षणम्॥१०॥ शब्दार्थ हृदिस्थानस्थितः – छाती में स्थित (रहनेवाला) वायुः – हवा यदा – जब वक्त्रम् – मुखम्।  प्रपद्यते – प्राप्नोति। पहुंचता है व्यायामम् –…

    24/10/2019
  • श्लोक

    १०.०३ व्यायामः सर्वदा पथ्यः। ०९. व्यायाम कितनी देर तक करना चाहिए?

    0 टिप्पणी

    ३. व्यायामः सर्वदा पथ्यः। कक्षा दशमी।  शेमुषी। नवमः श्लोक – सर्वेष्वृतुष्वहरहः पुम्भिरात्महितैषिभिः। बलस्यार्थेन कर्तव्यो व्यायामो हन्त्यतोऽन्यथा॥९॥ शब्दार्थ – सर्वेषु – सभी ऋतुषु – ऋतुओं में अहरहः – प्रतिदिनम्। हररोज (अहः च अहः च) पुम्भिः – पुरुषैः। पुरुषों के द्वारा (तृतीयाबहुवचनम्)…

    23/10/2019
  • श्लोक

    १०.०३ व्यायामः सर्वदा पथ्यः। ०८. अष्टमः श्लोकः।

    0 टिप्पणी

    ३. व्यायामः सर्वदा पथ्यः। कक्षा दशमी।  शेमुषी। अष्टम श्लोक – व्यायामो हि सदा पथ्यः बलिनां स्निग्धभोजिनाम्।स च शीते वसन्ते च तेषां पथ्यतमः स्मृतः॥८॥ शब्दार्थ – व्यायामः – परिश्रम,  मेहनत हि – एक अव्यय पद सदा –  सर्वदा।  सदैव। हमेशा पथ्यः…

    14/10/2019
  • श्लोक

    १०.०३ व्यायामः सर्वदा पथ्यः। ०७. व्यायाम करने वाला कुछ भी हजम कर लेता है।

    0 टिप्पणी

    ३. व्यायामः सर्वदा पथ्यः। कक्षा दशमी। शेमुषी। सप्तमः श्लोकः  व्यायामं कुर्वतो नित्यं विरुद्धमपि भोजनम्।विदग्धमविदग्धं वा निर्दोषं परिपच्यते॥७॥ शब्दार्थ –  व्यायामम् – कसरत कुर्वतः – करने वाले का नित्यम् – सदा। सदैव। हमेशा विरुद्धम् – विपरीतम्। उलटा अपि – भी भोजनम्…

    12/10/2019
  • श्लोक

    १०.०३ व्यायामः सर्वदा पथ्यः। ०६ जैसे गरुड के पास साँप नहीं आते, वैसे ही व्यायामी के पास रोग नहीं आते।

    0 टिप्पणी

    ३. व्यायामः सर्वदा पथ्यः। कक्षा दशमी। शेमुषी। षष्ठः श्लोकः व्यायामस्विन्नगात्रस्य पद्भ्यामुद्वर्तितस्य च,व्याधयो नोपसर्पन्ति वैनतेयम् इव उरगाः।वयोरूपगुणैर्हीनमपि कुर्यात्सुदर्शनम्॥६॥ शब्दार्थ – व्यायामस्विनगात्रस्य – जिसके अंग व्यायाम से गीले हो चुके हैं उस के, व्यायाम से परीनोपसीन हो जाने वाले के व्यायामः –…

    11/10/2019
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