विचित्रः साक्षी
पाठ का पदच्छेद तथा हिन्दी अनुवाद कश्चन निर्धनो जनः भूरि परिश्रम्य किञ्चिद् वित्तमुपार्जितवान्। कश्चन निर्धनः जनः भूरि परिश्रम्य किञ्चित् वित्तम् उपार्जितवान्। किसी गरीब मनुष्य ने बहुत ज्यादा परिश्रम कर के थोड़ा सा पैसा कमाया। तेन वित्तेन स्वपुत्रम् एकस्मिन् महाविद्यालये प्रवेशं…
घरेलु वस्तुओं के नाम संस्कृत में
चषकः – ग्लास चमसः – चम्मच आसन्दः – कुर्सी कपाटिका – अलमारी पेटिका – बक्सा, पेटी मार्जनी – झाडू कटः – चटाई वस्त्रम् – कपड़ा शय्या – सोने का पलंग (बेड) उपधानम् – तकिया पात्रम् – बर्तन जवनिका – पर्दा…
संस्कृत में शरीर के अंगों के नाम
Body parts in Sanskrit मुखम् – मुंह नेत्रम् – आँख ललाटम् – कपाल नासिका – नाक ओष्ठः – ओठ कपोलः – गाल केशः – बाल कण्ठः – गला कर्णः – कान मस्तकम् – सिर स्मश्रुः – दाढ़ीमूछ हनुः – हनु…
वेदांग का परिचय
वैदिक साहित्य में वेदांग बहुत महत्त्वपूर्ण हैं। क्योंकि वेदांग वेदों को समझने के लिए जो शास्त्र आवश्यक होते हैं, उन को वेदांग कहते हैं। वेदांग शब्द की व्युत्पत्ति वेदस्य अङ्गानि इति वेदाङ्गः अर्थात् वेद के अंग ही वेदांग हैं। अब…
आरण्यक साहित्य
आरण्यक ग्रन्थों का स्थान ब्राह्मण ग्रन्थों के बाद आता है। और आरण्यक ग्रन्थों के बाद उपनिषदों का स्थान है। आरण्यक ग्रन्थ ब्राह्मण ग्रन्थ तथा उपनिषदों के बीच की कड़ी है। आरण्यक शब्द की व्युत्पत्ति। अरण्य से वुञ् प्रत्यय हो कर…
ब्राह्मण साहित्य
ब्राह्मणं वेदसंघाते वेदभागे नपुंसकम्। पूजा पाठ करने वाली व्यक्ति को यदि ब्राह्मण कहा जाए, तो वह शब्द पुँल्लिंग होता है – ब्राह्मणः। परन्तु यदि ग्रन्थ इस अर्थ में ब्राह्मण शब्द का प्रयोग किया जाए, तो वह नपुंसक होता है –…
सरमा पणि संवाद सूक्त
सरमा पणि संवाद सूक्त ऋग्वेद में (१०।१०८) पाया जाता है। इस सूक्त के ऋषि पणि तथा देवता सरमा देवशुनी हैं। इस सूक्त का छन्द त्रिष्टुप् है। यदि आप इस सूक्त को पढ़ना चाहिते हैं तो इस जालसूत्र पर क्लिक कीजिए…
विश्वामित्र नदी संवाद सूक्त
विश्वामित्र नदी संवाद सूक्त ऋग्वेद में (३।३३) पाया जाता है। इस सूक्त के ऋषि विश्वामित्र हैं तथा देवता नदियाँ (नद्यः) हैं। इस सूक्त का छन्द अनुष्टुप् और त्रिष्टुप् है। इस सूक्त में विपाट् (विपाशा) और शुतुद्री (सतलज) नदियों का वर्णन…
वैदिक संहिता साहित्य
संहिता किसे कहते हैं? संहिता शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है – संचय संग्रह संयोजन संकलन संहिता यानी चीजों को जमा करके रखना। परन्तु जहाँ वेद के सन्दर्भ में बात होती है, संहिता शब्द का अर्थ है – चारों वेद।…
यम यमी संवाद सूक्त
यम-यमी संवाद सूक्त ऋग्वेद में (१०-१०) में पाया जाता है। इस सूक्त के ऋषि तथा देवता दोनों भी – यम और यमी ही हैं। तथा इस सूक्त का छंद है – त्रिष्टुप्। यम और यमी – भाईबहन यम और यमी…