• श्लोक

    सर्वतीर्थमयी माता सर्वदेवमयः पिता

    संस्कृत श्लोक सर्वतीर्थमयी माता सर्वदेवमयः पिता।मातरं पितरं तस्मात् सर्वयत्नेन पूजयेत्॥ श्लोक का शब्दार्थ सर्वतीर्थमयी – सब तीर्थ जिसमें समाएं हैं वह माता – माँ सर्वदेवमयः – सब देव जिन में समाएं हैं वे पिता – जनकः। पिता, मातरम् – माँ को पितरम् – पिता को तस्मात् – इसीलिए सर्वयत्नेन – हर तरह से पूजयेत् – पूजा करनी…

  • श्लोक

    दीपज्योतिः परं ब्रह्म

    संस्कृत श्लोक दीपज्योतिः परं ब्रह्म दीपज्योतिर्जनार्दनः। दीपो हरतु मे पापं दीपज्योतिर्नमोऽस्तु ते॥ रोमन लिप्यन्तरण dīpajyotiḥ paraṃ brahma dīpajyotirjanārdanaḥ| dīpo haratu me pāpaṃ dīpajyotirnamo’stu te|| श्लोक का शब्दार्थ दीपज्योतिः – दीपक का प्रकाश परम् – श्रेष्ठ ब्रह्म – ब्रह्म दीपज्योतिः –…