अलक्ष्मीराविशत्येनं शयानमलसं नरम्। अनुवाद, शब्दार्थ , अन्वय
संस्कृत श्लोक
अलक्ष्मीराविशत्येनं शयानमलसं नरम्।
निःसंशयं फलं लब्ध्वा दक्षो भूतिमुपाश्नुते॥
English Transliteration (IAST) of the Shloka
alakṣmīrāviśatyenaṃ śayānamalasaṃ naram|
niḥsaṃśayaṃ phalaṃ labdhvā dakṣo bhūtimupāśnute||
श्लोक का पदच्छेद
अलक्ष्मीः आविशति एनं शयानम् अलसं नरम्।
निःसंशयं फलं लब्ध्वा दक्षः भूतिम् उपाश्नुते॥
श्लोक का शब्दार्थ
संस्कृत | हिन्दी | English |
---|---|---|
अलक्ष्मीः | दरिद्रता | Poverty |
आविशति | आती है, प्रवेश करती है, प्राप्त होती है | Comes, reaches |
एनम् | इस | To this |
शयानम् | सोनेवाले, जो सो रहा है उस को | To whom who is asleep. |
अलसम् | आलसी | Lazy |
नरम् | मनुष्य को | To the man |
निःसंशयम् | निःसन्देह | No doubt |
फलम् | फल | Fruit, outcome |
लब्ध्वा | पा कर | having received |
दक्षः | काम में ध्यान देनेवाला मनुष्य | Attentive person |
भूतिम् | ऐश्वर्य को | Wealth |
उपाश्नुते | भोगता है | Enjoys |
श्लोक का अन्वय
अलक्ष्मीः एनं शयानम् अलसं नरम् आविशति। (परन्तु) दक्षः निःसंशयं (सर्वेषां कार्याणां) फलं लब्ध्वा भूतिम् उपाश्नुते।
श्लोक का हिन्दी अर्थ
इस श्लोक के अर्थ को एक वीडिओ में शास्त्रीजी ने बहुत अच्छे से समझाया है।
आप से अनुरोध है कि इस श्लोक के अर्थ को आप उन से ही सुनिए।
ज्ञान बांटने से बढ़ता है।
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