नारायणं नमस्कृत्य नरं चैव नरोत्तमम् – श्लोक का हिन्दी English अनुवाद
यह श्लोक महाभारत, श्रीमद्भागवत् महापुराण और वायुपुराण के आरंभ में पढ़ा गया है। इस लेख में हम इस श्लोक के अर्थ हिन्दी तथा English भाषा में पढ़ेगे। साथ ही साथ श्लोक का पदविभाग और अन्वयार्थ भी पढ़ेगे।
श्लोक
नारायणं नमस्कृत्य नरं चैव नरोत्तमम्।
देवीं सरस्वतीं व्यासं ततो जयमुदीरयेत्।।
English transliteration of श्लोक
nārāyaṇaṃ namaskṛtya naraṃ caiva narottamam।
devīṃ sarasvatīṃ vyāsaṃ tato jayamudīrayet।।
श्लोक का पदविभाग और शब्दार्थ
- नारायणम् – नारायण को
- नमस्कृत्य – नमस्कार कर के
- नरम् – नर को (यहाँ अभिप्रेत है – अर्जुन)
- च एव – और
- नरोत्तमम् – नरों में उत्तम
- देवीम् – देवी को
- सरस्वतीम् – सरस्वती को
- व्यासम् – व्यास को
- ततः – उस को बाद
- जयम् – जय को (जय नाम के ग्रन्थ को)
- उदीरयेत् – कहा जाए (बोला जाए, पाठ किया जाए)
श्लोक का अन्वय
नारायणं, नरोत्तमं नरम् (अर्जुनं) देवीं सरस्वतीं, व्यासं चैव नमस्कृत्य ततः जयम् उदीरयेत्।
श्लोक का हिन्दी अनुवाद
नारायण (श्रीहरि विष्णु) को, सभी मनुष्यों में उत्तम मनुष्य अर्जुन को, देवी सरस्वती को और व्यास जी को नमस्कार करने के बाद जय (नामक ग्रन्थ यानी महाभारत का) पाठ करना चाहिए।
English translation of the श्लोक
One should recite Jay (which is known as the Mahabharata) only after saluting Narayan (Shri Hari Vishnu), Arjuna who is the best man of all human beings, Goddess Saraswati and the sage Vyas.
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