श्लोक

शरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणे – श्लोक अर्थ, अनुवाद, अन्वय

श्लोक

शरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणे।
सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते॥

पदच्छेद

शरणागत-दीन-आर्त-परित्राण-परायणे।
सर्वस्य आर्तिहरे देवि नारायणि नमः अस्तु ते॥

शब्दार्थ

संस्कृतम्मराठीहिन्दीEnglish
शरणागतशरण आलेलाजो शरण आया हैSurrendered
दीनगरीबगरीबPoor
आर्तदुःखीदुखीSad
परित्राणरक्षणरक्षणProtection
परायणेतत्पर असलेलीतत्परReady
सर्वस्यसगळ्यांचेसभी के… of all
आर्तिहरेदुःख हरण करणारीदुख हरण करनेवालीWho takes sorrow away
देविहे देवीहे देवीGoddess
नारायणिहे नारायणीनारायणीNarayani
नमःनमस्कारनमस्कारSalutation
अस्तुआहेहैIs
तेतुलाआप कोTo you

अन्वय

(हे) शरणागत-दीन-आर्त-परित्राण-परायणे, सर्वस्य आर्तिहरे, नारायणि
देवि! ते नमः अस्तु।

मराठी अनुवाद

हे शरण आलेल्या, गरीब, दुःखी लोकांचे रक्षण करण्यात तत्पर असलेली, सगळ्यांचे दुःख दूर करणारी, नारायणी देवी! तुला नमस्कार आहे।

हिन्दी अनुवाद

हे शरणागत, गरीब, दुखियों के रक्षण में तत्पर, सभी के दुख दूर करनेवाली नारायणी देवी! तुझे को नमस्कार है।

English Translation

Oh Goddess Narayani, Salutation to you! You are ready to protect surrendered, poor, and sad people. You take away the sorrow of all.

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