प्रहेलिका – वृक्षाग्रवासी न च पक्षिराजः त्रिनेत्रधारी न च शूलपाणिः
संस्कृत प्रहेलिका वृक्षाग्रवासी न च पक्षिराजःत्रिनेत्रधारी न च शूलपाणिः।त्वग्वस्त्रधारी न च सिद्धयोगीजलं च बिभ्रन्न घटो न मेघः॥ पदच्छेद वृक्ष-अग्रवासी न च पक्षिराजःत्रिनेत्रधारी न च शूलपाणिः।त्वक्-वस्त्रधारी न च सिद्धयोगीजलं च बिभ्रन् न घटः न मेघः॥ शब्दार्थ संस्कृतम् मराठी हिन्दी English वृक्षाग्रवासी…
यत्कर्म कुर्वतोऽस्य स्यात्परितोषोऽन्तरात्मनः। श्लोक का अर्थ, अनुवाद और स्पष्टीकरण॥
क्या आप किंकर्तव्यमूढ हो गए हैं? यानी आप को समझ नहीं आ रहा है कि क्या करे और क्या नहीं करें? मनुष्य को कौन सा काम जरूर करना ही चाहिए? और कौन सा काम वर्जित (टालना, avoid) चाहिए? इन प्रश्नों…
तयोर्नित्यं प्रियं कुर्यादाचार्यस्य च सर्वदा
संस्कृत श्लोक तयोर्नित्यं प्रियं कुर्यादाचार्यस्य च सर्वदा।तेष्वेव त्रिषु तुष्टेषु तपः सर्वं समाप्यते।। Roman (English) Transliteration tayornityaṃ priyaṃ kuryādācāryasya ca sarvadā|teṣveva triṣu tuṣṭeṣu tapaḥ sarvaṃ samāpyate|| श्लोक का पदच्छेद तयोः नित्यं प्रियं कुर्यात् आचार्यस्य च सर्वदा।तेषु एव त्रिषु तुष्टेषु तपः सर्वं…
अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविनः
संस्कृत श्लोक अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविनः। चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयुर्विद्या यशो बलम्॥ रोमन लिप्यन्तरण abhivādanaśīlasya nityaṃ vṛddhopasevinaḥ|catvāri tasya vardhante āyurvidyā yaśo balam|| श्लोक का वीडिओ इस वीडिओ में इस श्लोक के बारे में समझाया है। यदि आप विस्तार से श्लोक के…
०८.०९. सप्तभगिन्यः। कक्षा अष्टमी। रुचिरा। CBSE संस्कृतम्
९. सप्तभगिन्यः। कक्षा अष्टमी। रुचिरा। अध्यापिका – सुप्रभातम्।अध्यापिका – सुप्रभात। छात्राः – सुप्रभातम्। सुप्रभातम्।छात्र – सुप्रभात। सुप्रभात। अध्यापिका – भवतु। अद्य किं पठनीयम्? अध्यापिका – ठीक है। आज क्या पढ़ना है? छात्राः – वयं सर्वे स्वदेशस्य राज्यानां विषये ज्ञातुमिच्छामः। छात्र…
०८.११. सावित्रीबाई फुले। कक्षा अष्टमी। रुचिरा। CBSE संस्कृतम्
११. सावित्रीबाई फुले। रुचिरा। कक्षा अष्टमी। उपरि निर्मितं चित्रं पश्यत। ऊपर बना चित्र देखिए। इदं चित्रं कस्याश्चित् पाठशालायाः वर्तते। यह चित्र किसी पाठशाला का है। इयं सामान्या पाठशाला नास्ति। यह सामान्य पाठशाला नहीं है। इयमस्ति महाराष्ट्रस्य प्रथमा कन्यापाठशाला। यह है…
साहित्य सङ्गीत कला विहीनः। संस्कृत श्लोक का हिन्दी अनुवाद
कुछ ऐसे भी गद्य लोग होते हैं जिनको ना तो कोई गाना सुनना पसन्द है, ना कोई चित्र उन के दिल को बहला सकता है। सिर्फ रात दिन काम काम और काम ही करते रहते हैं और बस पैसा कमाते…
गुणा गुणज्ञेषु गुणा भवन्ति
गुण गुणी लोगों में ही गुण होते हैं / कहलाते हैं। वे निर्गुण व्यक्ति के पास पहुँच कर दोष हो जाते हैं।