१०.०३ व्यायामः सर्वदा पथ्यः। ११. इन छः बातों के देख कर व्यायाम करना चाहिए।
०३. व्यायामः सर्वदा पथ्यः। कक्षा दशमी। शेमुषी। एकादशः श्लोकः वयोबलशरीराणि देशकालाशनानि च। समीक्ष्य कुर्याद् व्यायाममन्यथा रोगमाप्नुयात्॥११॥ शब्दार्थ वयोबलशरीराणि – उम्र, ताकत और शरीर देशकालाशनानि – इलाका, समय और भोजन च – और समीक्ष्य – देखकर कुर्यात् – करना चाहिए व्यायामम्…
१०.०३ व्यायामः सर्वदा पथ्यः। १०. हमारी आधी शक्ति समाप्त हो चुकी है यह कैसे पता करें?
३. व्यायामः सर्वदा पथ्यः। कक्षा दशमी। शेमुषी। दशमः श्लोकः हृदिस्थानस्थितो वायुर्यदा वक्त्रं प्रपद्यते। व्यायामं कुर्वतो जन्तोस्तद्बलार्धस्य लक्षणम्॥१०॥ शब्दार्थ हृदिस्थानस्थितः – छाती में स्थित (रहनेवाला) वायुः – हवा यदा – जब वक्त्रम् – मुखम्। प्रपद्यते – प्राप्नोति। पहुंचता है व्यायामम् –…
१०.०३ व्यायामः सर्वदा पथ्यः। ०९. व्यायाम कितनी देर तक करना चाहिए?
३. व्यायामः सर्वदा पथ्यः। कक्षा दशमी। शेमुषी। नवमः श्लोक – सर्वेष्वृतुष्वहरहः पुम्भिरात्महितैषिभिः। बलस्यार्थेन कर्तव्यो व्यायामो हन्त्यतोऽन्यथा॥९॥ शब्दार्थ – सर्वेषु – सभी ऋतुषु – ऋतुओं में अहरहः – प्रतिदिनम्। हररोज (अहः च अहः च) पुम्भिः – पुरुषैः। पुरुषों के द्वारा (तृतीयाबहुवचनम्)…
१०.०३ व्यायामः सर्वदा पथ्यः। ०८. अष्टमः श्लोकः।
३. व्यायामः सर्वदा पथ्यः। कक्षा दशमी। शेमुषी। अष्टम श्लोक – व्यायामो हि सदा पथ्यः बलिनां स्निग्धभोजिनाम्।स च शीते वसन्ते च तेषां पथ्यतमः स्मृतः॥८॥ शब्दार्थ – व्यायामः – परिश्रम, मेहनत हि – एक अव्यय पद सदा – सर्वदा। सदैव। हमेशा पथ्यः…
१०.०३ व्यायामः सर्वदा पथ्यः। ०७. व्यायाम करने वाला कुछ भी हजम कर लेता है।
३. व्यायामः सर्वदा पथ्यः। कक्षा दशमी। शेमुषी। सप्तमः श्लोकः व्यायामं कुर्वतो नित्यं विरुद्धमपि भोजनम्।विदग्धमविदग्धं वा निर्दोषं परिपच्यते॥७॥ शब्दार्थ – व्यायामम् – कसरत कुर्वतः – करने वाले का नित्यम् – सदा। सदैव। हमेशा विरुद्धम् – विपरीतम्। उलटा अपि – भी भोजनम्…
१०.०३ व्यायामः सर्वदा पथ्यः। ०६ जैसे गरुड के पास साँप नहीं आते, वैसे ही व्यायामी के पास रोग नहीं आते।
३. व्यायामः सर्वदा पथ्यः। कक्षा दशमी। शेमुषी। षष्ठः श्लोकः व्यायामस्विन्नगात्रस्य पद्भ्यामुद्वर्तितस्य च,व्याधयो नोपसर्पन्ति वैनतेयम् इव उरगाः।वयोरूपगुणैर्हीनमपि कुर्यात्सुदर्शनम्॥६॥ शब्दार्थ – व्यायामस्विनगात्रस्य – जिसके अंग व्यायाम से गीले हो चुके हैं उस के, व्यायाम से परीनोपसीन हो जाने वाले के व्यायामः –…
१०.०३ व्यायामः सर्वदा पथ्यः। ०५. बुढापे से कैसे बचे। च्वि प्रत्यय।
३. व्यायामः सर्वदा पथ्यः। कक्षा दशमी। शेमुषी पाठ्यपुस्तकम्। पञ्चमः श्लोकः न चैनं सहसाक्रम्य जरा समधिरोहति।स्थिरीभवति मांसं च व्यायामाभिरतस्य च॥५॥ शब्दार्थ – न – नहीं च – और एनम् – उसे (यहाँ अर्थ है – उस पर) सहसा – अकस्मात्, झटिति,…
१०.३ व्यायामः सर्वदा पथ्यः। ०४. व्यायाम से मोटापा कम होता है। व्यायाम करने वले को दुश्मन तकलीफ नहीं देते।
३. व्यायामः सर्वदा पथ्यः। कक्षा दशमी। शेमुषी। चतुर्थः श्लोकः – न चास्ति सदृशं तेन किञ्चित्स्थौल्यापकर्षणम्।न च व्यायामिनं मर्त्यमर्दयन्तरयो बलात्॥४॥ शब्दार्थ – न – नहीं च – और अस्ति – है सदृशम् – समानम्, जैसा तेन – उसके किञ्चित् – कुछ…
१०.०३ व्यायामः सर्वदा पथ्यः। ०२ + ०३ द्वितीय और तृतीय श्लोकों का परीक्षा की दृष्टि से एकत्रित अभ्यास।
पाठ ३. व्यायामः सर्वदा पथ्यः। कक्षा दशमी। शेमुषी। द्वितीयतृतीयौ श्लोकौ इन दोनों श्लोकों को एकत्रित कर लेने से ही ठीक ठीक अर्थ समझ में आता है। अतः हो सकता है कि परीक्षा में दोनों श्लोक एकत्रित ही पूछे जाए। इसीलिए…
१०.०३ व्यायामः सर्वदा पथ्यः। ०३. व्यायाम से सहिष्णुता (सहनशीलता) और आरोग्य की प्राप्ति।
पाठ ३. व्यायामः सर्वदा पथ्यः। कक्षा दशमी। शेमुषी। तृतीयः श्लोकः श्रमक्लमपिपासोष्णशीतादीनां सहिष्णुता।आरोग्यं चापि परमं व्यायामादुपजायते॥३॥ शब्दार्थ – श्रम – परिश्रम, मेहनत क्लम – थकान पिपासा – तृष्णा, प्यास उष्ण – गर्मी शीत – ठंड आदीनाम् – इन सभी की सहिष्णुता…