यत्र देशेऽथवा स्थाने – श्लोक का अर्थ
पुरुष को किस स्थान अथवा गांव में (यत्र देशेऽथवा स्थाने) रहना नहीं चाहिए इस बात को इस श्लोक में बताया गया है। साथ ही ऐसे निषिद्ध स्थान पर रहनेवाले को पुरुषाधम (पुरुषों में अधम, नीच) कहा गया है।
शुचिपर्यावरणम् – प्रश्नोत्तर। NCERT Solutions Class 10 Shuchiparyavaranam
यदि आप शुचिपर्यावरणम् इस पाठ के सभी प्रश्नोत्तरों को पढ़ना चाहते हैं तो यह लेख आप के लिए है। इस लेख में NCERT द्वारा प्रकाशित शेमुषी इस पाठ्यपुस्तक में सम्मिलित पाठ – शुचिपर्यावरणम् इस पाठ के सभी प्रश्न और उत्तर…
भवति शिशुजनो वयोऽनुरोधाद्
कोई बालक अपनी उम्र की वजह से बड़े गुणी लोगों के लिए भी लाड़-प्यार के योग्य होता है। जैसे चन्द्रमा भी भगवान् शंकर के मस्तक पर केतकी के फूल के समान अपने बालस्वभाव की वजह से प्राप्त होता है।
वृत्तं यत्नेन संरक्षेत्
संस्कृत श्लोक वृत्तं यत्नेन संरक्षेत् वित्तमेति च याति च।अक्षीणो वित्ततः क्षीणो वृत्ततस्तु हतो हतः॥ श्लोक का रोमन लिप्यंतरण Roman transliteration of the Shloka vṛttaṁ yatnena saṁrakṣet vittameti ca yāti caakṣīṇo vittataḥ kṣīṇo vṛttatastu hato hataḥ श्लोक का वीडिओ आप इस…
विचित्रे खलु संसारे नास्ति किञ्चिन्निरर्थकम्। अर्थ, अन्वय, हिन्दी अनुवाद
विचित्रे – विचित्र स्वरूप वाले खलु – सचमुच संसारे – दुनिया में न – नहीं अस्ति – है किञ्चित् – कोई भी निरर्थकम् – व्यर्थम्। बेकार अश्वः – घोटकः। वाजी। हयः। चेत् – यदि धावने – दौड़ने में वीरः –…
सम्पत्तौ च विपत्तौ च महतामेकरूपता। अर्थ, अन्वय, हिन्दी अनुवाद
क्या आप महान् बनना चाहते हैं? संस्कृत सुभाषितकारों ने महान लोगों का लक्षण इस श्लोक में लिख दिया है। यदि हमने महान लोगों के इस लक्षण को समझ लिया, तो हम भी महान बन सकते हैं। श्लोक सम्पत्तौ च विपत्तौ…
क्रोधो हि शत्रुः प्रथमं नराणाम्। श्लोक का शब्दार्थ अन्वय हिन्दी अनुवाद
मनुष्यों के शरीर का विनाश करने के लिए पहला दुश्मन तो (खुद के ही) शरीर में रहने वाला गुस्सा ही होता है। जैसे कि लकड़ी में ही रहने वाली आग लकड़ी को ही जलाती है, वैसे ही शरीर में रहने…
बुद्धिर्बलवती सदा। हिन्दी अनुवाद। कक्षा १० – CBSE संस्कृत। शेमुषी
बुद्धिर्बलवती सदा। कक्षा १० – CBSE संस्कृत। शेमुषी यह पाठ संस्कृत पाठ्यपुस्तक शेमुषी में दशमी कक्षा के लिए निर्धारित किया गया है। हमारा प्रयत्न है कि इस पाठ का पदच्छेद, सन्धि विच्छेद तथा शब्दशः हिन्दी अर्थ के द्वारा संस्कृत छात्रों…
९.६ भ्रान्तो बालः। हिंदी अनुवाद। कक्षा नवमी। शेमुषी। CBSE संस्कृतम् – word to word Hindi translation
भ्रान्तो बालः कक्षा नवमी। भ्रान्तो बालः । कक्षा नवमी। शेमुषी संस्कृत भ्रान्तः कश्चन बालः पाठशालागमनवेलायां क्रीडितुं निर्जगाम। हिन्दी अनुवाद भटका हुआ कोई बालक पाठशाला जाने के समय खेलने के लिए निकल जाता है। संस्कृतम् किन्तु तेन सह केलिभिः कालं क्षेप्तुं…
शुचिपर्यावरणम्। श्लोक ७। प्रस्तरतले तलातरुगुल्मा। Class 10 CBSE संस्कृतम्
प्रस्तरतले लतातरुगुल्मा नो भवन्तु पिष्टाः।पाषाणी सभ्यता निसर्गे स्यान्न समाविष्टा॥मानवाय जीवनं कामये नो जीवन्मरणम्।शुचिपर्यावरणम् …॥७॥ शब्दार्थः प्रस्तरतले – पाषाणस्य अधः। पत्थर के नीचे लतातरुगुल्माः – लताएं, पेड़ और झाड़ियाँ नो – नहीं भवन्तु – होवे पिष्टाः – चूर्ण पाषाणी – पथरीली सभ्यता –…